...

5 views

हठ न कर
#बिखर
निखर जाएगा समझौता कर ले,
बिखर जायेगा ना हठ कर बे;
शीशा कहा टिकता गिर कर रे,
क्यो मिटा रहा तु खुद को यूँ,
टकरा क्यो रहा है तु पत्थरो से ये,
अब और तू न जिद्द कर रे;
न बिखेर अपनी रहो मे काटा ये,
ज़िंदगी मे थोड़ी खुशियाँ भर ले,
अभी है तूफान काफी समुन्द्र मे;
जा न बीच मझधार में कश्ती पलट ले,
फसा न तु खुद को उलझनों मे;
सुलझा खुदको और शांत कर ले,
काले बादल घिरने से क्या होता है,
इंद्रधनुष निकलता है बारिश के बाद रे;
निखर जाएगा समझौता कर ले,
बिखर जायेगा ना हठ कर बे;
© Savitri..