जर्नी ऑफ़ लाइफ
पूछा जो मैंने एक दिन खुदा से,
अंदर मेरे ये कैसा शोर है,
हंसा मुझ पर फिर बोला,
चाहतें तेरी कुछ और थी,
पर तेरा रास्ता कुछ और है,
रूह को...
अंदर मेरे ये कैसा शोर है,
हंसा मुझ पर फिर बोला,
चाहतें तेरी कुछ और थी,
पर तेरा रास्ता कुछ और है,
रूह को...