"सच का रूप"
दुख और सुख से बहुत ऊपर हूं मैं,
आसमान का नहीं जमीन का टुकड़ा हूं मैं,
तुम मुझे क्या जानोगे तुमसे तो बिल्कुल जुदा हूं मैं।
पर उड़ती हवाओं को...
आसमान का नहीं जमीन का टुकड़ा हूं मैं,
तुम मुझे क्या जानोगे तुमसे तो बिल्कुल जुदा हूं मैं।
पर उड़ती हवाओं को...