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कफन
#कफ़न
सूर्य करेगा अगवानी फ़िर चाँद नज़र उतारेगा,
हर बालक देश की रक्षा हेतु देखो अब हुंकारेगा।
सर पर होगा कफ़न हमारे हाथ कलावा धारेगा,
देश द्रोहियों के वक्षों पे चुन चुन गोली मारेगा।।

नवजीवन नव उषाकाल इस नवप्रभात वंदन है,
जहां पडे हों पग शहीद के हर माटी अब चंदन है।
आजादी के बदले सबने सहज जान कुर्बान किया,
कफन बसंती सदा ही रखना वीरों ने था ज्ञान दिया।
देश मान हित हर बालक सीस कफन फिर धारेगा,
देश द्रोहियों के वक्षों पे चुन चुन गोली मारेगा।। .

जहां अरुण से नवप्रभात हो सांझ ढले अरुणाई से,
वहां खौफ खाता है दुश्मन वीरों की तरुणाई से।
हिम्मत न हारी वीरों ने हर युग से यही कहानी है,
बात यदी हो बड़ा कौन तो वीरों की कुर्बानी है।
वीर शहीदों का पग रज हर बालक शीश पे धारेगा,
देश द्रोहियों के वक्षों पे चुन चुन गोली मारेगा।।

वंदनीय है कफन हमारा और बसंती वह बाना,
लडी पहन झांसी की रानी रजवाणे का वह राणा।
जिसे पहनकर भगत खुदी ने फांसी फंदा चूम लिया,

पहन लडे आजाद तिवारी और स्वयं को भून लिया।
इन वीरों को देख युवा अब राष्ट्र पे सबकुछ वारेगा,
देश द्रोहियों के वक्षों पे चुन चुन गोली मारेगा।।

© अरुण कुमार शुक्ल