नादान परिंदे!!
मेरे घर की बालकनी में
दो परिंदे आते हैं...
एक दूसरे से हिलमिल कर
अपने पंख फड़फड़ाते हैं...
सोचने लगते वो यह कह कर,
हम अपना घोंसला यहां बनाते हैं।
यहां हमें रोज दाना पानी मिलेगा
अपना संसार यहीं बसेगा......
कोरोना ने इनसां को कैद करके,
प्रकृति ने उन्हें सबक सिखाया ....
हमें नया मौसम देकर,
पिंजरे से आज़ाद कराया..।।
✍️ranu
© All Rights Reserved
दो परिंदे आते हैं...
एक दूसरे से हिलमिल कर
अपने पंख फड़फड़ाते हैं...
सोचने लगते वो यह कह कर,
हम अपना घोंसला यहां बनाते हैं।
यहां हमें रोज दाना पानी मिलेगा
अपना संसार यहीं बसेगा......
कोरोना ने इनसां को कैद करके,
प्रकृति ने उन्हें सबक सिखाया ....
हमें नया मौसम देकर,
पिंजरे से आज़ाद कराया..।।
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