...

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याद किया है
एक उम्र गुज़ारी है जैसे शायद अरसे बाद किया है
अरमानों से देखे थे जो उन ख़्वाबों को याद किया है
ज़हमत का अपनी हमने लफ़्ज़ों में अनुवाद किया है
वाह बटोरी जग भर से और खुद को बर्बाद किया है
© random_kahaniyaan