...

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तुम्हारी कविता
बात परसौ की है
चाहत बरसों की है,
तुम्हारी लिखी कविता पढ रहा था
मेरा मन बडा प्रफुल्लित हो रहा था,
लगभग हर विषय पर तुमने लिखा था
मुझे क्या इतना गहरा तुमने परखा था ?
तुम्हारी कल्पनाओं की उडान लेखन में झलकी थी
हमारे लिए लिखे हर लब्ज को तुम...