ये हमें तोलते है
सोचा था साथ हे वो
मरी ख़ास हे वो
बिना उसके करूँ क्या
उसको कहु क्या
जा रहीं हे वो दूर
फिर भी हे एक शुरु
गम को नहीं
यादों को याद रखूंगी
साथ वो नहीं हे तो क्या हुआ
हसी को याद रखूंगी
हाथ पकड़ के निकला उसने ...
मरी ख़ास हे वो
बिना उसके करूँ क्या
उसको कहु क्या
जा रहीं हे वो दूर
फिर भी हे एक शुरु
गम को नहीं
यादों को याद रखूंगी
साथ वो नहीं हे तो क्या हुआ
हसी को याद रखूंगी
हाथ पकड़ के निकला उसने ...