श्री गणेश वंदना
है बुद्धिदाता,बुद्धि का सबको दान करो।
है चिंताहरण,संसार की सब चिंता हरो।
है विघ्नहर्ता ,सृष्टि के सब विघ्न हरो।
है पापहर्ता ,नर नारी के सब पाप हरो।
है वक्रतुंड,निर्विघ्न सब मेरे काज करो।
है सूर्यकोटि,दूर जगत का अंधकार करो।
है रिद्धि सिद्धि के स्वामी,हर घर में तुम वास करो।
है मुषकधारी,इस सेवक को सेवा में स्वीकार करो।
है कृपासागर,इस सेवक पर बस एक कृपा करो।
मन ना मेरा भटके कभी, हर पल बस तेरा ध्यान धरूं।
© mayank1998
है चिंताहरण,संसार की सब चिंता हरो।
है विघ्नहर्ता ,सृष्टि के सब विघ्न हरो।
है पापहर्ता ,नर नारी के सब पाप हरो।
है वक्रतुंड,निर्विघ्न सब मेरे काज करो।
है सूर्यकोटि,दूर जगत का अंधकार करो।
है रिद्धि सिद्धि के स्वामी,हर घर में तुम वास करो।
है मुषकधारी,इस सेवक को सेवा में स्वीकार करो।
है कृपासागर,इस सेवक पर बस एक कृपा करो।
मन ना मेरा भटके कभी, हर पल बस तेरा ध्यान धरूं।
© mayank1998