...

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शायद किसी अपने की याद!!
साँसे रोक कर यूँ सिसकियां ले रहे हो
कुछ तो है जो खुद को खो रहे हो
उनके लिए परेशान हो
शायद किसी और के बाँहों में है जो।।
अपने दिल की ख़ुशी को लात मारी तो
सोचा खुश तो रहेंगे वो
फिर क्यों ऐसे हालात जो
उनकी मुस्कान हमें बर्दास्त ना हो
शायद मुस्कान किसी और ने दी हो।।
उनका हाथ पकड़ के खुद ही तो
वहां छोड़ा जिनके साथ है वो
रोती आँखे क्यों ढूंढे उन्हें जो
जिनको हम याद भी न रहे हो
शायद गैरो के साथ खुश हो वो।।
उनकी एक ख्वाइश के लिए तो
दुनिया से लड़ जाए जो
वो आज ऐसे है जैसे कुछ गया हो खो
लेकिन उनकी ही ख्वाइश थी जो
शायद जो हमसे दूर और उनकी बाहों में है वो।।
अब मन बहलाये या चुप कराये जो
दिल आस लगाये बैठे है वापस आये वो
अरे जिन्हें सारी ख़ुशी मिल रही हो
कैसे आये हमारे पास वो
शायद अब तक हमें भुला चुके हो।।
© Aadi...