एक शक्ल पे...
एक शक्ल पे ग़ज़लें हज़ार
प्यार हुआ है पहली बार
आँखें उसकी कर रही मदहोश
कोई संभालो मुझको यार
लब़ उसके बना रहे शराबी
उनके लम्स* को हूँ बेक़रार
* लम्स - स्पर्श
पायल उसकी छन - छन करती
कर रही दिल ज़ार - ज़ार
...
प्यार हुआ है पहली बार
आँखें उसकी कर रही मदहोश
कोई संभालो मुझको यार
लब़ उसके बना रहे शराबी
उनके लम्स* को हूँ बेक़रार
* लम्स - स्पर्श
पायल उसकी छन - छन करती
कर रही दिल ज़ार - ज़ार
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