थोड़ा सा मर कर आया हूँ...
सफ़र अपने हालातों का करके आया हूँ
मैं आज फ़िर थोड़ा सा मर कर आया हूँ।
उतरे थे मोहब्बत के दरिया में ख़ुशी ख़ुशी
आँसुओ के सैलाब से मग़र तर के आया हूँ।
जीना चाहता था मैं भी ज़िंदादिली...
मैं आज फ़िर थोड़ा सा मर कर आया हूँ।
उतरे थे मोहब्बत के दरिया में ख़ुशी ख़ुशी
आँसुओ के सैलाब से मग़र तर के आया हूँ।
जीना चाहता था मैं भी ज़िंदादिली...