...

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जिंदगी तेरा कड़वा अनुभव
हजारों रास्ते देखे, हमने हजारों मंजिलें देखी,
राह जो आसान बताई थी, उन्हीं पर मुश्किलें देखी,
चले थे हम भी बेपरवाह, शराफत की डगर यारों,
मंजिल तलक जब पहुंचे, शरीफों की बेबसी देखी,
सच्चाई दर दर भटकती है, मक्कारी मुस्कुराती है,
न्याय की आस में हमने, लगती बस तारीखे देखी
हर तरफ शोर है यारो, चर्चे सिर्फ बेबसी के है,
गरीबों के हालातो से, भर्ती तिजोरिया भी देखी,
बाजार भरे है मेलो से, सन्नाटा दिल चीर जाता है,
ममता घुटघुटकर रोटी है, बुढ़ापा आंसू बहाता है,
तुम क्या बात करते हो, अब रामराज लाने की,
हमने तो राम राज में भी, औरत की सुबकिया देखी,
जिंदगी रोज बहती है, आंसू के सैलाब के रास्ते,
सकून सबको दिलाने को, एक दिन आती मौत ही देखी।