...

9 views

वो कल की बातें थी
कल वक्त कुछ अलग था,आज दौर कुछ अलग है।
कल ठिकाना कुछ अलग था ,आज ठौर कुछ अलग है।

थे पंख लगे अरमानों को ,उड़ती थी आसमान में
अब ढूंढ़ रही आसमान को ,अपने इस मकान में।

वह मौज़ कुछ अलग थी यह लहर कुछ अलग है।
वो गांव कुछ अलग थे ये शहर कुछ अलग...