एहसास मोहब्बत का
तुम्हारी हर अदा मुझे कराती है एहसास मोहब्बत का,
पलकों पर सजाया है ख़्वाब सिर्फ़ तेरी ही सोहबत का।
सूनी- सूनी सी लगती है तुम बिन अब हर महफ़िल,
होने लगा है हमको एतबार जन्मों-जन्मों की निस्बत का।
साथ देखकर हमको रश्क करते हैं...
पलकों पर सजाया है ख़्वाब सिर्फ़ तेरी ही सोहबत का।
सूनी- सूनी सी लगती है तुम बिन अब हर महफ़िल,
होने लगा है हमको एतबार जन्मों-जन्मों की निस्बत का।
साथ देखकर हमको रश्क करते हैं...