हमारे मूक दोस्त.....
आओ आज मैं बाग की अपने तुमको सैर कराऊं,
कुछ अपने प्यारे मित्रों से आज तुम्हें मिलवाऊं
देखो यह एक पेड़ नीम का खड़ा है बाहें पसारे,
कितने पंछी इस पर रहते सबकी बाट निहारे
अरे! देखो यह छोटी पत्ती कितना काम है करती,
चुपके से यह खाना बनाती पेड़ का पेट है भरती
और देखो यह तना पेड़ का पेड़ को सीधा रखता,
हो आंधी या तेज़ हवा हो किसी से न यह डरता
देखो सुंदर फूल है कितना इसकी बात निराली,
पेड़ का वंश यह आगे बढ़ाता कहती हर इक डाली
मिल जुल कर सब काम हैं करते तभी तो पेड़ हैं बढ़ते,
खुशबू छाया फल हैं देते बाग को खुशी से भरते
काटे जाएंगे इनको तो जीवन कैसे चलेगा,
इन्हें काटने से जो होगा मानव ही भुगतेगा
© vatika
@Writco
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कुछ अपने प्यारे मित्रों से आज तुम्हें मिलवाऊं
देखो यह एक पेड़ नीम का खड़ा है बाहें पसारे,
कितने पंछी इस पर रहते सबकी बाट निहारे
अरे! देखो यह छोटी पत्ती कितना काम है करती,
चुपके से यह खाना बनाती पेड़ का पेट है भरती
और देखो यह तना पेड़ का पेड़ को सीधा रखता,
हो आंधी या तेज़ हवा हो किसी से न यह डरता
देखो सुंदर फूल है कितना इसकी बात निराली,
पेड़ का वंश यह आगे बढ़ाता कहती हर इक डाली
मिल जुल कर सब काम हैं करते तभी तो पेड़ हैं बढ़ते,
खुशबू छाया फल हैं देते बाग को खुशी से भरते
काटे जाएंगे इनको तो जीवन कैसे चलेगा,
इन्हें काटने से जो होगा मानव ही भुगतेगा
© vatika
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