...

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दुनिया!की सुंदरता बची रहने दो,,
वो पौधों से सजी जमीं !
वो खुश्बू मिट्टी की वो मिट्टी की नमी !
वो ऊँचे ऊँचे पर्वत !
देख उदास मन को मिले राहत !
वो पर्वतों से निकलते झरने !
वो जिसमें पक्षी लगते तैरने !
वो झरनों से निकलती ठंडी हवा !
हर बीमारी भगाये हो जैसे दवा !
वो पर्वतों से गुज़र कर पहुँचती शहर !
वो जीवन को सुखमय बना कर !
वो वापस लौट जाती पर्वत पर !
उस हवा की लहर में जो बाधा डालोगे !
हर बार जीवन में संकट ले आओगे !
चेन्नई जैसे जल संकट से बचा नहीं पाओगे !
नदियों के तुम जो रुख मोड़ दोगे !
बाढ़ की संकट से खुद को ना बचा पाओगे !
नदियाँ को उनकी लय में बहने दो !
प्रकृति छेड़छाड़ अब ना करो,
बहुत हो गया कुछ तो बचा रहने दो !

Written By Bestie AJ❤️

© Les Alphas de Haya❣️