क्या तुम्हें पता हैँ तुम क्या हो?
क्या तुम्हे पता हैँ तुम क्या हो..........!!
शायद तुम थकावट के बाद का आराम हो।
अनसुना,अनकहा सा अलग नाम हो।
बेवकूफ़ हैँ दिल, तुम चतुर दिमाग़ हो।
जों साथ चले, साथ रहे, अच्छा यार हो।
नफरत से कोसो दूर, सच्चा प्यार हो।
सिर्फ एक ही बार नही, तुम बार बार हो।
एकलौता नहीं, बल्कि तुम हज़ार हो।
पतजड़ के बाद आई बाहर हो।
तुम तोह अनोखा...
शायद तुम थकावट के बाद का आराम हो।
अनसुना,अनकहा सा अलग नाम हो।
बेवकूफ़ हैँ दिल, तुम चतुर दिमाग़ हो।
जों साथ चले, साथ रहे, अच्छा यार हो।
नफरत से कोसो दूर, सच्चा प्यार हो।
सिर्फ एक ही बार नही, तुम बार बार हो।
एकलौता नहीं, बल्कि तुम हज़ार हो।
पतजड़ के बाद आई बाहर हो।
तुम तोह अनोखा...