कौन हूं मैं???
वो अनजाना शहर ...अनजाने लोग
भटकती रही मैं..
मन ही मन ये कहकर
कोई नहीं अब तेरा...खुद ही है हर जगह संभलना
कौन हूं मैं???किधर चली मैं??
वो रास्ते पे मेरा चलना...
वो अचानक तेज हवाओं के साथ
पत्तों...
भटकती रही मैं..
मन ही मन ये कहकर
कोई नहीं अब तेरा...खुद ही है हर जगह संभलना
कौन हूं मैं???किधर चली मैं??
वो रास्ते पे मेरा चलना...
वो अचानक तेज हवाओं के साथ
पत्तों...