शहर जीवन
#शहरजीवनकाव्य
अफरा तफरी मची है
मेरे शहर की हर गली में
सबमें भीड़ से आगे निकलने की
होड़ सी मची है
नन्हे बच्चे अध खुले नींद में
स्कूल जाने को बस्ता लिए तैयार खड़े है
दफ्तर जाने वाले साहब भी
इस भागम भाग का हिस्सा हैं
फल सब्जी वाले भी
अपने ठेले लिए निकल पड़े हैं
दूध वाले भैया...
अफरा तफरी मची है
मेरे शहर की हर गली में
सबमें भीड़ से आगे निकलने की
होड़ सी मची है
नन्हे बच्चे अध खुले नींद में
स्कूल जाने को बस्ता लिए तैयार खड़े है
दफ्तर जाने वाले साहब भी
इस भागम भाग का हिस्सा हैं
फल सब्जी वाले भी
अपने ठेले लिए निकल पड़े हैं
दूध वाले भैया...