...

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दिल को क्या संभालती
दिल को क्या संभालती
जब प्यार मुझे उसमें दिखता है
एक रोज़ की बात थी
अपने मुलाक़ात की शाम थी
यूँ हम लड़कियों के ज़ुल्फ़े
ये लड़के संभालते बहुत है
पर उस दिन की बात कुछ अलग थी
वो कैमरे में और फोटोग्राफर मैं थी
बिच में उसकी एक लट
बड़ा उसे सता रही थी
मैंने जितनी दफा संभाला
उतनी दफा वो बिगड़ती रही
मैंने हाथ आगे बढ़ाया
इस बार ज़रा ध्यान से
उसके लट को हटाया
वो शिकायत करने वाला ही था
पर ख़ामोश हो गया
मेरी तरफ एक बार देखा
और नज़रे घूमाली
मन ही मन बड़ा मुस्काई थी मैं
जो कहता है इश्क़ से दूर है
जो प्यार से दूर भागता है
पहली बार लगा की
शायद कहीं तो पिघल वो भी रहा है
की लाज सिर्फ हमारे निगाह में नहीं
इन लड़को के निगाहों में भी उतरते है
दिल को क्या संभालती
जब प्यार मुझे उसमें दिखता है।।

© KALAMKIDIWANI