चल अब उसका हो जा दीप
तलब ए दीदार में जिसके
कितने रात ना सो पाया
बाकी सब तो हो गए मेरे
एक वही ना हो पाया
इतनी शिद्दत, इतनी मशक्कत
फिर बेचैनी इतनी के
आंखे तो भर आयी मगर
पत्थर दिल ना रो पाया
कुछ बातें थी , कुछ राते थी
कुछ यादें थी जुड़ी उससे
उनसे हटकर कुछ दाग थे मुझ पर
जिन्हें कभी...
कितने रात ना सो पाया
बाकी सब तो हो गए मेरे
एक वही ना हो पाया
इतनी शिद्दत, इतनी मशक्कत
फिर बेचैनी इतनी के
आंखे तो भर आयी मगर
पत्थर दिल ना रो पाया
कुछ बातें थी , कुछ राते थी
कुछ यादें थी जुड़ी उससे
उनसे हटकर कुछ दाग थे मुझ पर
जिन्हें कभी...