इश्क
इश्क कोई करता है खुद से,
कोई किसी से करता इश्क,
इश्क कभी लड़ता है सबसे,
कभी सभी से डरता इश्क!
इश्क किसी की सज़ा-ए-आफ्ता,
किसी की है आज़ादी इश्क,
किसी को ये दे देता सब कुछ,
किसी की है बरबादी इश्क!
इश्क कभी सख़्ती पहाड़ सी,
कभी बादल सा मुलायम इश्क,
कभी तो ये पल भर में बदले,
कभी एक पर कायम इश्क!
इश्क की कभी कोई उम्र...
कोई किसी से करता इश्क,
इश्क कभी लड़ता है सबसे,
कभी सभी से डरता इश्क!
इश्क किसी की सज़ा-ए-आफ्ता,
किसी की है आज़ादी इश्क,
किसी को ये दे देता सब कुछ,
किसी की है बरबादी इश्क!
इश्क कभी सख़्ती पहाड़ सी,
कभी बादल सा मुलायम इश्क,
कभी तो ये पल भर में बदले,
कभी एक पर कायम इश्क!
इश्क की कभी कोई उम्र...