...

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मेरी ग़ज़ल चेहरा तुम्हारा ❤️
तुम्हारे हसीं चेहरे से अपनी ग़ज़ल संवारना चाहता हूं
मेरा दिल है आईना तुम्हें आईने में उतारना चाहता हूं

मैं दिन का थका हुआ हर शब में जगा हुआ रहता हूं
हर पल का सुकूं हर शाम तुम्हारे साथ गुजारना चाहता हूं

चारों तरफ़...