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मर्यादा
मर्यादा एक शब्द है जो
किसिकी वजूद को मिटा देती है
किसकी आज़ादी उससे छीन लेती है
किसी से उसके हसने की वजह मिटा देती है
किसीको ये बेघर कर देती है
किसीके लिए सामने वचन की लक्ष्मण रेखा होती है
किसी के लिए वह स्वाभिमान है उसका
किसी के लिए जिंदगी जीने का सलीका
किसके जीने का मूलमंत्र है
कई इम्तिहान मांगती है ये अपनी रक्षा के लिए
कई बलिदान वीर वीरांगनाओं से
यूं ही कोई मर्यादा पुरुषोत्तम नहीं कहलाए जाते हैं
पर अगर वो इंसानों में भेद खड़ा करे तो
ऐसी मर्यादा का मिट जाना ही सही है।
© दिव्यश्री