...

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चलो बने एक इतिहास के वीर
आंखों में हो सूर्य सा चमक
माथे का तेज चमकता हो
ऐसा तो तब ही होता है
जब जन्म किसी वीर का होता हो
चमके मानों आंखों में आग
आकाश में कड़कती बिजली हो
विद्रोह कर रहीं आने को तूफ़ानें
सम्पर्क जिसका आंधियों से हो
वो चले तो दिशाएं उमड़ उठें
बादल की ख्वाहिश कितनी भी मनचली हो
उम्मीद पर उतरे खरा जो सबके
मन में क्रांति की चिंगारी जली हो
शंखनाद स्वयं जिसका प्रभु करें
निर्मलता इतनी कि
ज़ुबा से मानो गंगा निकली हो
मन में पवित्रता...