हिज़्र के फूल
दर्द के धागे में तेरे हिज्र के फूल
चुनती रही ताउम्र..
शफ़्फ़ाफ़ मोहब्बत में वफ़ा का नूर..
बिखर जाता है लफ़्ज़ों में ...
चुनती रही ताउम्र..
शफ़्फ़ाफ़ मोहब्बत में वफ़ा का नूर..
बिखर जाता है लफ़्ज़ों में ...