...

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उलझन
आसान नहीं था सिर्फ तुम चाहिए से,,तुम्हारा होना ना होना अब मुझे परेशान ना करना
आसान नहीं था तुम्हे अपना बनने की ज़िद से खुद को मौन कर लेना
आसान कैसे होता तुझे पाने की हर मुमकिन कोशिश करने के बाद हारकर खुद को समझा लेना
आसान नही था हर दिन तुम्हारे लिए आंसू बहकर फिर एक दिन खुद को पत्थर दिल कर लेना
आसान नही था तेरे तस्वीरों को घण्टों निहारने से उन्हे ना देखने का पक्का इरादा करना
यक़ीनन बड़ा ही मुश्किल था वो वक़्त जब तुमको खुद से अलग करने का ख्याल आया
कैसे ना होती तकलीफ तुमको कही अरसे से मैने अपने ज़हन मे जो था बसाया
बड़ा ही मुश्किल राहा तुम से खुद तक पोहंचने तक का सफर
बड़ी उलझन मे था ये मन इस बात से हर बार तुमको चुनने से खुद को कैसे है चुनना!!

maayaa_🖤