आँखे
काश! सहेज पाता इन आँखों को अपनी आँखों में
और बना कर प्रतिबिम्ब
लगा लेता आईने को अपने कमरे के एक कोने में
और बना कर प्रतिबिम्ब
लगा लेता आईने को अपने कमरे के एक कोने में