...

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"बेवजह कुण्डी खट-खटाया करो"
*आसपास के लोगों से मिलते रहा करो,*
*उनकी थोड़ी खैर खबर भी रखा करो।*

*जाने कौन कितने अवसाद में जी रहा है,*
*पता नहीं कौन बस पलों को गिन रहा है।*

*कभी निकलो अपने घरोदों से,*
*औरों के आशियानें में भी जाया करो।*

*कभी कभी अपने पड़ोसियों की कुण्डी,*
*तुम बेवजह ही खट-खटाया करो।*

*कभी यों ही किसी के...