यह बात जब..
वक्त अपना भाव बदल रही है।
छाव अपना रंग बदल रही है।
जिओ इस पल में.. यही।
नहीं पता कल होगा या नहीं।
यह बात जब बिगड़े,
यह हाथ कभी छूटे,
तुम आना।
हमारा साथ देना।
जैसे चांद इस गगन में,
तारों को लेकर रात में,
देता है रोशनी से साथ।
बस ना छोड़ना हमारा हाथ।
तुम्हारे सिवाय हम हैं अकेले।
बस है वक्त, जो ना रुके .. चले।
जिओ इस पल में यही।
नहीं पता कल होगा या नहीं।
© Lost_dream_69
#Love&love #Shayari #poetrycommunity #writco
छाव अपना रंग बदल रही है।
जिओ इस पल में.. यही।
नहीं पता कल होगा या नहीं।
यह बात जब बिगड़े,
यह हाथ कभी छूटे,
तुम आना।
हमारा साथ देना।
जैसे चांद इस गगन में,
तारों को लेकर रात में,
देता है रोशनी से साथ।
बस ना छोड़ना हमारा हाथ।
तुम्हारे सिवाय हम हैं अकेले।
बस है वक्त, जो ना रुके .. चले।
जिओ इस पल में यही।
नहीं पता कल होगा या नहीं।
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