सलाह ज़िन्दगी की..
ज़िन्दगी ने सवालात में कहा,
तूं अपनी जुस्तजू जता,,
क्या हुई खता जरा मुझे तो बता ।
मैंने भी बोला मर्ज इश्क की क्या है!,
जरा वो तो बता।।
सहमे से लहजे में बोली,
तुम क्यों मायूस होते हो!।
जुनूं ए इश्क ऐसी चीज है,
इसे गम के धागे में क्यों पिरोते हो!।।
दहलीज पर रख कदम क्यों रोते हो!,
नादां है दिल अगर.....
तूं अपनी जुस्तजू जता,,
क्या हुई खता जरा मुझे तो बता ।
मैंने भी बोला मर्ज इश्क की क्या है!,
जरा वो तो बता।।
सहमे से लहजे में बोली,
तुम क्यों मायूस होते हो!।
जुनूं ए इश्क ऐसी चीज है,
इसे गम के धागे में क्यों पिरोते हो!।।
दहलीज पर रख कदम क्यों रोते हो!,
नादां है दिल अगर.....