राधे!
राधे...
ए राधे कुछ तो बोल,
तेरे होठों की चुप्पी आज तो खोल।
वो झेल पाएंगे यह वियोग अकेले?
बता उन्हें, "चलो आखरी बार होली खेले"।
रंग लगाए उन सारे घाव पे,
ताकि छुपा सके तू वो सारे घाव इस हाल में।
कह दे उन्हें...
ए राधे कुछ तो बोल,
तेरे होठों की चुप्पी आज तो खोल।
वो झेल पाएंगे यह वियोग अकेले?
बता उन्हें, "चलो आखरी बार होली खेले"।
रंग लगाए उन सारे घाव पे,
ताकि छुपा सके तू वो सारे घाव इस हाल में।
कह दे उन्हें...