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जून
#जून
चार जून की बात है
उसमें भी कुछ घात है
कौन बनेगा समय का साहु
धुप और बारिश की मिलती रात है।
सूरज की किरणों में गर्मी की बात है,
और बारिश की बूँदों में ठंडी आहट है।

जून का महीना बचपन की यादों का खज़ाना है,
जब दोस्त मिलते हैं, खुशियाँ बाँटते हैं, खेलते हैं।
गर्मी के दिनों में चाय की चुस्की, बारिश की बूंदें,
जून की खूबसूरती को बयां करती हैं हर कहानी की क़िंता।

जून का महीना है सपनों का खुला दरवाज़ा,
समय की धारा में भटकते, ज़िन्दगी का सफर यहाँ तक पहुँचता है।
कौन बनेगा समय का साहु, यह हम पर निर्भर है,
जून के महीने में हर एक पल कुछ अनकहा सपना है।





© abinasha