...

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एक लड़का
अंदर से बहूत टूटा हुआँ
कहने के लिए मुस्कुरा रहा था

अपनो के बीच अकेला होकर
अपनी तकलीफ वो छुपा रहा था

कभी तो मुकम्मल होगी ये दास्ताँ
ये सोंच कर खुद को तस्सली दिला रहा था

दुनीयाँ जहाँ की खैरियत पूछ कर
गमो की चादर को खुशी के नकाब से ढक रहा था


© रौशन rosi...✍️🍁