...

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तब अपनाना
पल ने अपना काम किया,जो बना कहीं एक,कहीं बिगड़ा
कहीं आंसूवो को रोक दिया,कहीं हसी को दिया उजड़ा
सीधी साधी होती नहीं, ज़िंदगी भी एक गेंद की उछाल है
जितनी तेज पटकोगे उम्मीदें ,उतना ज्यादा ही बवाल है

हाथ जुड़ा,दोनो पक्षों का,कहीं लाल मुंह,कहीं हस्ता चेहरा
किसकी किस्मत क्या रंग लाई,क्यों उप्परवाला सुना बेहरा
किमत है कई जहाजों की,रुतबे,नाम है कहीं देश,जगहों में
यह वक्त है भाई! ना किसी का है, होगा,सत्य है, फनाओ में

जमा हुए आज के कुछ कुछ भी ,कल बहुतों का इलाज है
हस्ते रहो,ज़िंदगी को देखकर,कहना आसान,बस ख्वाब है
कलम की कीमत स्याही है,कलम नहीं है, स्याही की कीमत
वो दुनिया है,हक कहीं भी जमाने चाहो,तो कहती है जीमत

मेरे पास पंख है,पर भी,पर उससे उड़ाने वाले परिंदे कहा?
वो गर्म प्याले हाथ लिए कहना,जिंदगी ऐसी आसान कहा
टूट गया हूं,आज ही टूटा रहूंगा,जितने टुकड़ों में बिकरा हूं
उसके दुगना काम,मेहनत, मुशक्कत,सफल से उभरूंगा
ADITYA PANDEY©