प्रिय, तुम आओ
प्रिय, तुम आओ
हाथों पर हाथ रख दें
चिर मिलन की
चिंतन की बात रख दें
बिना तेरे सुना लगता
पूर्ण किरण की आस कह दें
थक चूका हूं चलते-चलते
जीवन की हला-हल का मिठास रख दें
उपवन खिल उठी है
प्यासे कंठ पर पानी का ग्लास रख दें
जीवन जिंदगी की
मुस्कुराती लबों...
हाथों पर हाथ रख दें
चिर मिलन की
चिंतन की बात रख दें
बिना तेरे सुना लगता
पूर्ण किरण की आस कह दें
थक चूका हूं चलते-चलते
जीवन की हला-हल का मिठास रख दें
उपवन खिल उठी है
प्यासे कंठ पर पानी का ग्लास रख दें
जीवन जिंदगी की
मुस्कुराती लबों...