इश्क़ _ए_फ़रवरी
टूटेंगे कई दिल फ़िर से
फ़िर से हज़ारों गम के
रिश्तों की शुरुआत होगी
होगा किसी के पास
आंसूं पोछने वालों का अम्बार
किसी की आंसूओं से भरी रात होगी
होगा किसी का महफ़िल सूना
किसी के मंच पर इश्क़ की बरसात होगी
होगा कोई उलझा अनेक रिश्तों में
किसी की रिश्तों से खाली हाथ होगी
होंगी बौछारें कहीं आंधी _तूफ़ानों की
कहीं बिना बारिश...
फ़िर से हज़ारों गम के
रिश्तों की शुरुआत होगी
होगा किसी के पास
आंसूं पोछने वालों का अम्बार
किसी की आंसूओं से भरी रात होगी
होगा किसी का महफ़िल सूना
किसी के मंच पर इश्क़ की बरसात होगी
होगा कोई उलझा अनेक रिश्तों में
किसी की रिश्तों से खाली हाथ होगी
होंगी बौछारें कहीं आंधी _तूफ़ानों की
कहीं बिना बारिश...