...

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यादें बचपन की
कुछ यादें आज बचपन की,
दिल से निकाल कर लाया हूं।
मां का दुलार,
पापा का प्यार,
और गलती हो जाने पर,
पापा की फटकार,
झांक रही हैं सब यादें,
मन के झरोखों से,
सुसंस्कृति और सदाचार का,
मार्ग दिखाया था आपने,
उसी मार्ग पर चल,
पाई कीर्ति और यश मैंने।
सफलता और कीर्तिमान,
बनाए कई बार,
पर आपके बिन,
लगता है सब नीरस,
लगता है सब बेकार ।

#पापा को समर्पित
© mere ehsaas
#यादें