प्यार मे धर्म
धर्म अधर्म कि लहरो ने दोनो किनारा डुबा दिया तुम बेबाक बन के चुप रहे हम खामोशी से खड़ा रहा। दोनो धर्म का फर्क बहत हे इतना पता तो मुझे भी था,रिश्ता नहीं बना सकते किसीने एयसा भी बताया था। अब्रू कि निलामि पर धर्म हमेशा...