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#गौमाता #writco #writeindia
पॉलिथीन में छिलका रहता
उसका जीवन दुश्वार होता
निगलने में उसको परेशानी होता
उसका सांस दबता
उसका जीवन बर्बाद होता
त्यौहारों में काटा जाता
खून से लथपथ हो जाता
हसुँए से सिर धड़ से अलग कर दिया जाता
सीना उसका धड़कता
अंदर ही अंदर दम घुटता
उसे डण्डे पत्थरों से मारा जाता
निर्ममता से थन जबरदस्ती दबाया जाता
पैरों को स्वार्थ के लिए बाँध देता
निहत्थे चमड़ा उखाड़ लेता
हड्डियों को न जाने क्या-क्या करता
दूध हमें देती
अपना बच्चा पहचाने बिना संभालने को कहती
गाय का गोबर-मूत्र लाभदायक होता
कृषि में सहायक होता
जानकर भी इन्सान हैवान बन जाता
नाम की पूजी जाती
जरूरत के लिए पाली जाती
उसके आँसू को देख न पाती
ब्रह्मांड का रूप कहलाती
अच्छा होता राष्ट्रीय पशु घोषित होती
© Utsav Gupta (Mona)
उसका जीवन दुश्वार होता
निगलने में उसको परेशानी होता
उसका सांस दबता
उसका जीवन बर्बाद होता
त्यौहारों में काटा जाता
खून से लथपथ हो जाता
हसुँए से सिर धड़ से अलग कर दिया जाता
सीना उसका धड़कता
अंदर ही अंदर दम घुटता
उसे डण्डे पत्थरों से मारा जाता
निर्ममता से थन जबरदस्ती दबाया जाता
पैरों को स्वार्थ के लिए बाँध देता
निहत्थे चमड़ा उखाड़ लेता
हड्डियों को न जाने क्या-क्या करता
दूध हमें देती
अपना बच्चा पहचाने बिना संभालने को कहती
गाय का गोबर-मूत्र लाभदायक होता
कृषि में सहायक होता
जानकर भी इन्सान हैवान बन जाता
नाम की पूजी जाती
जरूरत के लिए पाली जाती
उसके आँसू को देख न पाती
ब्रह्मांड का रूप कहलाती
अच्छा होता राष्ट्रीय पशु घोषित होती
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