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#जंजीर
इन जंजीरों को तोड़कर
रुख हवा का मोड़कर
चल रहे हैं देखो हम
अंगारो की सेज पर
बना रहे हथियार स्वाभिमान का
कर रहे है इंतज़ार जंग ए मैदान का
इन जंजीरों को तोड़कर
रुख हवा का मोड़कर
चल रहे है देखो हम
अंगारों की सेज पर
गगन भी ललकारेगा दुश्मनों के झुंड को
हमसे ना बचा पाएगा कोई टूटने से इनकी अकड़ को
इन जंजीरो को तोड़ कर
रुख हवा का मोड़कर
चल रहे है देखो हम
अंगारों की सेज पर
समंदर से भी भिड़ जायेंगे
आंखो में दृढ़ता का सैलाब ले जायेंगे
इन जंजीरों को तोड़कर
रुख हवा का मोड़कर
चल रहे है देखो हम
अंगारों की सेज पर
कोई छू न पाएगा हमे
हम ऐसे छू लेंगे अपनी मंजिल को
इन जंजीरों को तोड़कर
रुख हवा का मोड़कर
चल रहे है देखो हम
अंगारों की सेज पर ।
© varsha's ink
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