...

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दर्द की दास्तां
है कुछ दर्द मगर जीना अभी भी है,
चोट बहुत खाई मगर सीखना अभी भी है।

क्या हुआ अगर वह साथ नहीं है,
मगर उसका एहसास अभी भी है।
रिश्तो की डोर टूटी मगर,
धागों में प्रेम अभी भी है।

है कुछ दर्द मगर जीना अभी भी है,
चोट बहुत खाई मगर सीखना अभी भी है।

जिंदगी में उलझन बहुत है मगर,
उलझन में जिंदगी जीना अभी भी है।
सवाल खुद से करू मगर,
जवाब देना मगर अभी भी है।

है कुछ दर्द मगर जीना अभी भी है,
चोट बहुत खाई मगर सीखना अभी भी है।

बहुत करीब से देखा उसे मगर,
उसे पहचानना बाकी अभी भी है।
दूर से लाख देखूं उसे मगर,
उसे छूना बाकी अभी भी है।


है कुछ दर्द मगर जीना अभी भी है,
चोट बहुत खाई मगर सीखना अभी भी है।
© -अमन2918