...

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दिल की अनकही पीड़ा
बिना बोले भी तुम दिल दुखा जाते हो,
क्या ये सच है या मेरी अपेक्षाएं हैं जो दुख का कारण बन जाती हैं।
क्या तुम थक चुके हो अकेले रह कर अकेलेपन से लड़ते लड़ते,
या ये मेरी कल्पनाएं हैं जो मेरे दुख का कारण बन जाती हैं।
क्या मैं तुम्हें कुछ ना दे पाई हूँ दर्द की सौगात के अलावा,
या ये मेरा वहम है जो मेरे दुख का कारण बन जाता है।
क्या मैं सच में मजबूर हूँ ,या मैं कोशिश नहीं करती तुमसे मिलने की,
या फिर ये बेमतलब की संवेदनाएं हैं जो मेरे दुख का कारण बन जाती हैं।
क्या मेरी कलम में वो दर्द, वो मोहब्बत, वो बात है ही नहीं,
कि लोग मुझे भी पढ़ें, मुझसे भी जुड़ें?
या ये मेरे अंदर की लेखिका की,
सोच की सीमाएं हैं जो मेरे दुख का कारण बन जाती हैं।
#Love&love #pain #MissingYou
© Haniya kaur