हमारी कहानी है....
मैं धुंधला हुआ कोहरा,
तुम धूप निराली सी;
ये उलफ़त है नही अब की,
ये सदियों पुरानी है।
मैं आस हूँ जीवन की,
तुम स्वांस मेरे तन की;
ये...
तुम धूप निराली सी;
ये उलफ़त है नही अब की,
ये सदियों पुरानी है।
मैं आस हूँ जीवन की,
तुम स्वांस मेरे तन की;
ये...