तू खुद को देख
दूसरों पर कटाक्ष करने से पहले
ज़रा अपने अंतस् में झाँक तू
नापता है जिसपर दुनिया को
उस मापदंड पर खुद को आंक तू
पूर्ण नहीं कोई, कमियां सबमें हैं
अपनी कमियों को देख तू
स्वीकार कर, सुधार कर
ना गफलत में घुटने टेक तू
शीशे के घर का स्वामी बन
दूसरों पर...
ज़रा अपने अंतस् में झाँक तू
नापता है जिसपर दुनिया को
उस मापदंड पर खुद को आंक तू
पूर्ण नहीं कोई, कमियां सबमें हैं
अपनी कमियों को देख तू
स्वीकार कर, सुधार कर
ना गफलत में घुटने टेक तू
शीशे के घर का स्वामी बन
दूसरों पर...