।।वो शहर।।
#ख्वाबोंकासफर
मेरे सुखों का एहसास समेट कर,
उस शहर ने रखा हैं मेरे सारे याद समेट कर।
देखा हैं उसने मेरी बेफिक्री को,
देखा हैं उसने मेरी मासूमियत और बदमाशियों को।
जानता हैं वो शहर मेरी आंखो को,
पहचानता हैं वो शहर तो मेरी आहट को।
सुकून देता हैं वो आज भी मुझे,
पूछता वो मेरे वर्तमान पते को।...
मेरे सुखों का एहसास समेट कर,
उस शहर ने रखा हैं मेरे सारे याद समेट कर।
देखा हैं उसने मेरी बेफिक्री को,
देखा हैं उसने मेरी मासूमियत और बदमाशियों को।
जानता हैं वो शहर मेरी आंखो को,
पहचानता हैं वो शहर तो मेरी आहट को।
सुकून देता हैं वो आज भी मुझे,
पूछता वो मेरे वर्तमान पते को।...