...भावों के हिमनद...
हमारे अंतर्मन में भावों के ये हिमनद
तुम्हारे लिए पिघलते हैं
पिघलते तो तुम भी हो
क्यूं धार...
तुम्हारे लिए पिघलते हैं
पिघलते तो तुम भी हो
क्यूं धार...