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मैं हूँ तुम में कहीं....
गर मैं अचानक कहीं खो गई कभी
तुम ना ढूँढना मुझे बाहर कहीं.....
रहूँगी सदा ज़िंदा,
मैं तुझमें एक एहसास बन कर...
लिखते रहना तुम मुझे अपनी कलम से
काग़ज़ के हर पन्ने पर ,
सींच कर मुझे अपनी स्याही से
ज़िंदा रखना तुम मुझे ऐसे
जैसे मेरी किस्मत की कोई उम्र नहीं...!
जयश्री ✍🏻
तुम ना ढूँढना मुझे बाहर कहीं.....
रहूँगी सदा ज़िंदा,
मैं तुझमें एक एहसास बन कर...
लिखते रहना तुम मुझे अपनी कलम से
काग़ज़ के हर पन्ने पर ,
सींच कर मुझे अपनी स्याही से
ज़िंदा रखना तुम मुझे ऐसे
जैसे मेरी किस्मत की कोई उम्र नहीं...!
जयश्री ✍🏻
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