...

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कुछ बातें खुद से
कई बार मैं जो सोचता हूँ,
अपनी मुश्किलों से
जिस तरह से deal करता हूँ,
जिस तरह से ज़िंदगी को पढ़ता हूँ
लोगो को समझने का प्रयास करता हूँ,
फिर साथ मे खुद से यह भी सवाल करता हूं, जो मैं सोच रहा हूं,
या जो कर रहा हूँ,
जिस तरह से मैंने अपनी सोच को develop किया है क्या वह उचित है,तब मैं कई बार ऐसा भी देखता हूँ,बहुत से आध्यात्मिक गुरु,बहुत से entrepreneur और बहुत से experinced लोग जिन्होंने अपनी life में बहुत कुछ achive किया है,बहुत से लोग जो अपने ज्ञान से
दूसरों को जीवन जीने का तरीका समझाते है,वह लोग भी वही बात कहते जो मैंने खुद से अपने जीवन के जीने के तरीके को बनाई है,जो मैंने अपनी मुश्किलों से deal करने के लिए तरीक़े अपनाए है,
तो मुझे अहसास होता है,की
मैं जो कर रहा हूँ वह इतना भी गलत नही है
परन्तु मैं एक learner हूँ,
मैं किसी को भी follow नही कर सकता,
मैं खुद की life के experinces से सीखता हूँ,
कई बार मैं दूसरों की ज़िंदगी से भी सीखता हूँ,
मैं कभी यह नही कह सकता कि मै पूरी तरह
सही हूँ,इसलिए मैं सीखता रहता हूँ, मैं ज़िंदगी का विद्यार्थी हूँ,और मुझे सीखने में
मज़ा आता है।
मेरा मानना है कि हमे सीखते रहना चाहिए,
जिस दिन हम यह सोच लेते हैं कि
हमे सब पता है,उस दिन
हम खुद के लिए हर सम्भावना समाप्त कर लेते हैं।
© ख्यालों का शहर